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Monday, 29 September 2014

एक राजकुमार..!

एक राजकुमार अपने शिक्षक महोदय से सबक पढ़ रहा था .. शिक्षक महोदय यह दो वाक्य पढ़ाए.
1 झूठ मत बोलो ..
2 क्रोध न करो ..
कुछ देर के अंतराल के बाद प्रधानों को सबक सुनाने को कहा गया तो प्रधानों ने कहा कि अभी सबक याद नहीं खोसका.
दूसरे दिन फिर शिक्षक महोदय ने सबक सुनाने को कहा .. प्रधानों ने फिर कहा कि अभी सबक याद नहीं खोसका.
तीसरे दिन छुट्टी थी .. शिक्षक ने कहा कि कल छुट्टी है तो कल होगा सबक याद कर लेना .. बाद में कोई बहाना नहीं सुनूँ जाएगा.
छुट्टी के बाद अगले दिन भी शिष्य विशेष पाठ सुनाने में विफल रहा .. शिक्षक श्री विचार किए बिना कि शिष्य एक राजकुमार है, तैश में आकर एक थप्पड़ रसीद कर दिया कि यह भी कोई बात है कि इतने दिनों से दो शब्द याद नहीं खक्र दे रहे.
थप्पड़ खाकर एक बार तो राजकुमार गुमसम होगी .. फिर बोला कि शिक्षक श्री! सबक याद होगी .. शिक्षक बहुत आश्चर्य हुआ कि पहले तो सबक याद नहीं खोरहा था और थप्पड़ खाने के तुरंत सबक याद होगी.
राजकुमार प्रस्तुत करने लगा कि शिक्षक श्री! आप मुझे दो बातें पढ़ाई थीं.
1 झूठ बोलो.
2 क्रोध न करो ..
झूठ बोलने से तो मैं उसी दिन पछतावा था लेकिन गुस्सा मत करो, यह मुश्किल काम था .. बहुत कोशिश करता था कि गुस्सा न आए लेकिन गुस्सा आ जाता था .. अब जब तक मैं गुस्से पर काबू पाना नहीं सीख जाता तो कैसे कह देता है कि सबक याद होगी .. ??? आज जब आप थप्पड़ मारा और थप्पड़ भी मेरे जीवन का पहला थप्पड़ है, तभी मैंने अपने मन में विचार किया कि गुस्सा आया कि नहीं .. ??? विचार करने पर मुझे महसूस हुआ कि गुस्सा नहीं आया.
आज आपका बताया हुआ दूसरा सबक है कि "क्रोध करो" बिल्कुल सीख लिया है .. आज अल्लाह की कृपा से मुझे पूरा पाठ याद होगी है ..... .. !!!!

शिक्षा जीवन !!!
प्रथम प्रिय हमें भी चाहिए कि दृश्य कृें हम लिखते 'पढ़ते और सुनते रहते हैं उन पर अमल करें .. प्रक्रिया ही इंसान सुधार होता है और
प्रक्रिया ही जीवन होती है ________ !!!

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