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Wednesday, 10 September 2014

"जो न हो इश्क मुस्तफा 'तो जीवन व्यर्थ है ..!"

बेसत नबवी का प्रारंभिक समय है .. सर्वर आलम आकाेٔ दोजहाँ वास्षाबह ोबारक पर तवाफ़ काबा के लिए हरम में तशरीफ़ ले गए .. मशरकें आप वास्षाबह ोबारक पर देखा तो ग़ज़बनाक खोगए और आप सल्लल्लाहू (स.) वास्षाबह ोबारक पर घेर लिया.
किसी ने हज़रत अबू Bakr अल्लाह 'anhu से जाकर कहा कि अपने साहब की खबर लो .. सिद्दीक अकबर रा दीवाना वार दौड़ते हुए हरम पहुंचे .. अपने स्वामी मौला पर कुफ़्फ़ार को हमलावर देखा तो आक्रोश से अपने आप धीरे खक्र कुफ़्फ़ार के भीड़ में घुस गए. तीव्रता गम में किसी को मारते किसी को ुट्टाते और साथ कहते जाते .. "तुम पर अफसोस है कि तुम एक व्यक्ति को यह कहने पर मार डाला हो कि मेरा प्रभु अल्लाह है ..? और हाल यह है कि वह अल्लाह की ओर से रोशन तर्क तुम्हारे पास लाया है. "
सिद्दीक अकबर रज़ियल्लाहु 'anhu के हस्तक्षेप मुशरिकीन को सख्त नागवार गुज़री. उन्होंने पवित्र वास्षाबह ोबारक पर तो छोड़ दिया और सब उन पर टूट पड़े .. इतना मारा कि लहूलुहान खोगए .. आप रज़ियल्लाहु तआला' अन्हु पटते जाते और कहते जाते .. "तारक याज़ालजलाल वालाकराम .. सम्मान ोजलाल वाले! तेरी जाति धन्य है .."
उनके अहले जनजाति बनो तीम पता चला तो वह भागम भाग हरम पहुंचे और उन्हें मुशरिकीन के पंजा सितम से छुड़ाकर घर ले गए .. उम मोमिनीन हज़रत आयशा सदीकह ्ाखरह आर अल्लाह 'अन्हा फ़रमाते हैं कि इस घटना के बाद सिद्दीक अकबर घर पहुंचे तो उनका यह हाल था कि सिर पर जिस जगह खाथ लगता ोखें से बाल झड़ जाते .. घर पहुंचकर बेखोश खोगए .. बड़ी देर के बाद खोश आया तो जो शब्द सबसे पहले ज़बां से निकले वे ये थे.
"पैगंबर) वास्षाबह ोबारक पर (कैसे हैं ..?
वाह रे प्यार ..
खुद मौत और जीवन के संघर्ष में लगे हैं लेकिन सुरक्षा की चिंता है तो अपने स्वामी मौला की ..!
अपनी जान माल और सब कुछ प्रिय ज्यादातर अपने रसूल अल्लाह वास्षाबह ोबारक वसल्लम की .. जब उन्हें बताया गया कि पवित्र वास्षाबह ोबारक पर बखीरियत हैं तो तब उन्हें चीन आया.
तुम्हें कुछ खबर है कि पा जा रहें हों ____?
प्यार उन्हें मजा पा जा रहें हों ________!

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